Sunday 6 November 2011

   सब वस्तुओं में ब्रह्मदर्शन करने में यदि आप सफल न हो सको तो जिनको आप सबसे अधिक प्रेम करते हों ऐसे, कम-से-कम एक व्यक्ति में ब्रह्म परमात्मा का दर्शन करने का प्रयास करो | ऐसे किसी तत्वज्ञानी महापुरुष की शरण पा लो जिनमें ब्रह्मानंद छलकता हो | उनका दृष्टिपात होते ही आपमें भी ब्रह्म का प्रादुर्भाव होने की सम्भावना पनपेगी | जैसे एक्स-रे मशीन की किरण कपड़े, चमड़ी, मांस को चीरकर हड्डियों का फोटो खींच लाती है, वैसे ही ज्ञानी की दृष्टि आपके चित्त में रहने वाली देहाध्यास की परतें चीरकर आपमें ईश्वर को निहारती है | उनकी दृष्टि से चीरी हुई परतों को चीरना अपके लिये भी सरल हो जायेगा | आप भी स्वयं में ईश्वर को देख सकेंगें | अतः अपने चित्त पर ज्ञानी महापुरुष की दृष्टि पड़ने दो | पलकें गिराये बिना, अहोभाव से उनके समक्ष बैठो तो आपके चित्त पर उनकी दृष्टि पड़ेगी |
Pujya asaram ji bapu :-

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