स्वर्ग का साम्राज्य आपके भीतर ही है | पुस्तकों में, मंदिरों में, तीर्थों में, पहाड़ों में, जंगलों में आनंद की खोज करना व्यर्थ है | खोज करना ही हो तो उस अन्तस्थ आत्मानंद का खजाना खोल देनेवाले किसी तत्ववेत्ता महापुरुष की खोज करो | Pujya asaram ji bapu :-
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