जिस क्षण आप सांसारिक पदार्थों में सुख की खोज करना छोड़ देंगे और स्वाधीन हो जायेंगे, अपने अन्दर की वास्तविकता का अनुभव करेंगे, उसी क्षण आपको ईश्वर के पास जाना नहीं पड़ेगा | ईश्वर स्वयं आपके पास आयेंगे | यही दैवी विधान है |
प्रातः स्मरणीय परम पूज्य संत श्री आसारामजी बापू :-
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