Wednesday, 28 November 2012

938_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

कभी व्यर्थ की निन्दा होने लगेगी। इससे भयभीत न हुए तो बेमाप प्रशंसा मिलेगी। उसमें भी न उलझे तब प्रियतम परमात्मा की पूर्णता का साक्षात्कार हो जाएगा।
-Pujya Asharam Ji Bapu

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