Thursday, 1 November 2012

890_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

जिस प्रकार अज्ञानी का चित्त संकल्प, विकल्प और अज्ञान से भरा रहता है उस प्रकार ज्ञानी का चित्त इनमें प्रवाहित नहीं होता अपितु ज्ञान के प्रसाद से पावन होकर आकाशवत होता है।
-Pujya asharam ji bapu

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