Tuesday 6 November 2012

898_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

अगर हम असफल हुए हैं, दुःखी हुए हैं तो दुःख का कारण किसी व्यक्ति को मत मानो। अन्दर जाँचों कि तुमको जो प्रेम ईश्वर से करना चाहिए वह प्रेम उस व्यक्ति के बाह्य रूप से तो नहीं किया? इसलिए उस व्यक्ति के द्वारा धोखा हुआ है। जो प्यार परमात्मा को करना चाहिए वह प्यार बाह्य चीजों के साथ कर दिया इसीलिए उन चीजों से तुमको दुःखी होना पड़ा है।
-Pujya asharam ji bapu

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