1126_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
जिस तरह की
लगन
स्त्री-सुख
में होती है,
जिस तरह की
लगन प्रेमी
अपनी
प्रेमिका में
रखता है ठीक
ऐसी ही लगन,
ऐसी ही प्रीति
अगर प्रभु
चरणों में हो
जाये तो आदमी
प्रतीति से
निकलकर
प्राप्ति रूप
परमात्मा में
स्थिर हो सकता
है।
-Pujya Asharam Ji Bapu
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