1489_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
मैं भी नहीं और मुझसे अलग अन्य भी कुछ नहीं । साक्षात् आनन्द से परिपूर्ण, केवल, निरन्तर और सर्वत्र एक ब्रह्म ही है । उद्वेग छोड़कर केवल यही उपासना सतत करते रहो ।
-Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu
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