Thursday 18 August 2016

1485_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU


अब तो रुक जाओ 

तुम्हें जितना देखना चाहिए, जितना बोलना चाहिए, जितना सुनना चाहिए, जितना घूमना चाहिए, जितना समझना चाहिए वह सब हो गया। अब, जिससे बोला जाता है, सुना जाता है, समझा जाता है, उसी में डूब जाना ही तुम्हारा फर्ज है। यही तुम्हारी बुद्धिमत्ता का कार्य है, अन्यथा तो जगत का देखना-सुनना खत्म न होगा.... स्वयं ही खत्म हो जायेंगे.....। इसलिए कृपा करके अब रुको। .....हाँ रुक जाओ.... बहुत हो गया। भटकने का अन्त कर दो।


  -Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

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