निर्भय रहो
हे चैतन्यस्वरूप ! तू संकल्प और विकल्पों से चित्त को क्षुब्ध मत कर। मन को शान्त करके अपने आनन्दमय स्वरूप में सुखपूर्वक स्थित हो जा। ब्रह्मदृष्टि को छोड़कर अन्य किसी भाव से किसी वस्तु को मत देखो।
भय और सन्देह से ही तुम अपने को मुसीबतों में डालते हो। किसी बात से अस्थिर और चकित मत हो। अज्ञानियों के वचनों से कभी भय मत करो। सदा सिंहवत् निर्भय रहो।
-Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu
हे चैतन्यस्वरूप ! तू संकल्प और विकल्पों से चित्त को क्षुब्ध मत कर। मन को शान्त करके अपने आनन्दमय स्वरूप में सुखपूर्वक स्थित हो जा। ब्रह्मदृष्टि को छोड़कर अन्य किसी भाव से किसी वस्तु को मत देखो।
भय और सन्देह से ही तुम अपने को मुसीबतों में डालते हो। किसी बात से अस्थिर और चकित मत हो। अज्ञानियों के वचनों से कभी भय मत करो। सदा सिंहवत् निर्भय रहो।
-Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu
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