जो
मनुष्य
निष्काम कर्म
करता है उसे
आत्मा में
प्रीति होती
है, उसे संसार
से वैराग्य
उपजता है और
वैराग्य की
अग्नि से उसके
सारे पाप तथा
कुसंस्कार जल
जाते हैं..
ऐसे ही जब साधक वैराग्यवान होकर मन को वश में करता है तब उसे सदगुरू का थोड़ा सा उपदेश भी परमात्म पद में प्रतिष्ठित कर देता है।
Pujya Asharam Ji Bapu
ऐसे ही जब साधक वैराग्यवान होकर मन को वश में करता है तब उसे सदगुरू का थोड़ा सा उपदेश भी परमात्म पद में प्रतिष्ठित कर देता है।
Pujya Asharam Ji Bapu

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