Saturday, 21 June 2014

1226_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU




* दैवीय विधान*

किसी वास्तविक और उत्सुक कार्यकर्ताओं को एक आवस्यक नियम के अनुसार अपने मार्ग में कहीं भी अँधेरी भूमि नहीं मिलती ।

 -Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Thursday, 19 June 2014

1225_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

किसी भी अवस्था में मन को व्यथित होने मत दो । आत्मा पर विश्वास कर उसी पर निर्भर हो जाओ । फिर निर्भयता तो तुम्हारी दासी बन जायेगी ।
 -Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Monday, 16 June 2014

1224_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

वास्तविक शिक्षा तो उस समय प्रारंभ होती है ,जब मनुष्य सभी प्रकार की बाह्य सहायताओं से मुंह मोडकर अपने अंतर के अनन्त स्रोत की ओर अग्रसर होता है ।
 -Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Thursday, 12 June 2014

1223_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

मन में यदि भय न हो तो बाहर चाहे कैसी भी भय की सामग्री उपस्थित हो जाये, आपका कुछ बिगाड़ नहीं सकती | मन में यदि भय होगा तो तुरन्त बाहर भी भयजनक परिस्थियाँ न होते हुए भी उपस्थित हो जायेंगी | वृक्ष के तने में भी भूत दिखने लगेगा |

 -Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Tuesday, 10 June 2014

1222_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU



ज्ञानी को शत्रु से द्वेष नहीं, मित्र से राग
नहीं । ज्ञानी को मौत का भय नहीं,नाश 
का ड़र नहीं, जीने की वासना नहीं, सुख
की इच्छा नहीं और दुख से द्वेष नहीं
क्योंकि वह जानता है यह सब मन में
रहता है और मन एक मिथ्या कल्पना है ।

 -Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Friday, 6 June 2014

1221_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

हे भारत के सपूतो-सुपुत्रियो ! तुम हिम्मत मत हारना, निराश मत होना। अगर कभी असफल भी हुए तो हताश मत होना वरन् पुनः प्रयास करना। तुम्हारे लिए असम्भव कुछ भी नहीं होगा। .... .... ....
 -Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Monday, 2 June 2014

1220_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU



अतीत का शोक और
भविष्य की चिंता
क्यों करते हो?
हे प्रिय !
वर्तमान में साक्षी, तटस्थ और
प्रसन्नात्मा होकर जीयो....

-Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

1219_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU






जिस प्रकार अग्नि के पास बैठने
से ठंड, भय, अंधकार दूर होते हैं
उसी प्रकार सदगुरु के सान्निध्य में
रहने से अज्ञान, मृत्यु का भय और
सब अनिष्ट दूर होते हैं।
-Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Sunday, 1 June 2014

1218_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU




व्यवहार में चिन्तारूपी राक्षसी घूमा करती है। वह उसी को ग्रस लेती है, जिसको जगत सच्चा लगता है। जिसको जगत स्वप्नवत लगता है, उसे परिस्थितियाँ और चिन्ताएँ कुचल नहीं सकती।
-Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu
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