Saturday, 29 March 2014

1180_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

ईश्वर को आवश्यकता है तुम्हारे प्यार की, जगत को आवश्यकता है तुम्हारी सेवा की और तुम्हें आवश्यकता है अपने आपको जानने की।

शरीर को जगत की सेवा में लगा दो, दिल में परमात्मा का प्यार भर दो और बुद्धि को अपना स्वरूप जानने में लगा दो। आपका बेड़ा पार हो जायगा।

-Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Thursday, 27 March 2014

1179_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU



डरपोक होकर जिये तो क्या जिये ? भोगी होकर जिये तो क्या खाक जिये ? योगी होकर जियो । ब्रह्मवेत्ता होकर जियो । ईश्वर के साथ खेलते हुए जियो ।

-Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Tuesday, 25 March 2014

1178_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU



दुःख, अपमान, विरोध आयें तो ईश्वर का सहारा लेकर अपने ज्ञान की नींव मजबूत करते जाना चाहिए। दुःख, विघ्न, बाधाएँ इसलिए आती हैं कि तुम्हारे ज्ञान की जड़ें गहरी जायें। 
  Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Monday, 24 March 2014

1177_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU





ईर्ष्या, घृणा, तिरस्कार, भय, कुशंका आदि कुभावों से जीवन-शक्ति क्षीण होती है। दिव्य प्रेम, श्रद्धा, विश्वास, हिम्मत और कृतज्ञता जैसे भावों से जीवन-शक्ति पुष्ट होती है।
 Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu


Sunday, 23 March 2014

1176_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU


दुश्मनों का बल निकाल रहा हूँ

एक बार साँईं जी(साँईं श्री लीलाशाहजी महाराज) रस्सी के बल सुलझा रहे थे। पूछने पर बोले कि "भारत के दुश्मनों का बल निकाल रहा हूँ।" उन दिनों भारत-चीन युद्ध चल रहा था। दूसरे दिन समाचार आया कि "युद्ध समाप्त हो गया और दुश्मनों का बल निकल गया।"
ब्रह्मनिष्ठ योगियों को भूत, वर्तमान एवं भविष्य काल – ये तीनों हाथ पर रखे आँवले की तरह प्रत्यक्ष होते हैं। इसलिए उऩके मार्गदर्शन एवं आज्ञा में चलने वालों को उनकी त्रिकालदर्शी दृष्टि का लाभ मिलता है।
- Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Saturday, 22 March 2014

1175_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

बल ही जीवन है। दुर्बलता ही मौत है। दुर्बल विचारों को दूर हटाते जाओ।
 निर्भयता.....निश्चिंतता.... निष्फिकरता..... बेपरवाही..... पूरी खुदाई....जय जय....।
 - Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Thursday, 20 March 2014

1173_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU




अपने को दीन-हीन मान बैठे तो विश्व में ऐसी कोई सत्ता नहीं जो तुम्हें ऊपर उठा सके। अपने आत्मस्वरूप में प्रतिष्ठित हो गये तो त्रिलोकी में ऐसी कोई हस्ती नहीं जो तुम्हें दबा सके।

- Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Tuesday, 18 March 2014

1172_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU



मन को उदास मत करो। सदैव प्रसन्नमुख रहो। हँसमुख रहो। तुम आनन्दस्वरूप हो। भय, शोक, चिन्ता आदि ने तुम्हारे लिए जन्म ही नहीं लिया है, ऐसी दृढ़ निष्ठा के साथ सदैव अपने आत्मभाव में स्थिर रहो।
- Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Sunday, 16 March 2014

1171_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU



मानव यदि निर्भय हो जाय तो जगत की तमाम-तमाम परिस्थितियों में सफल हो जाय।
- Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Saturday, 15 March 2014

1170_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU




ऐसा कौन है जो तुम्हें दुःखी कर सके? तुम यदि न चाहो तो दुःखों की क्या मजाल है जो तुम्हारा स्पर्श भी कर सके? अनन्त-अनन्त ब्रह्माण्ड को जो चला रहा है वह चेतन तुम्हीं हो।

- Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Friday, 14 March 2014

1169_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU



सुख को भविष्य में मत ढूँढो। वर्त्तमान क्षण को ही सुखद बनाने की कला सीख लो, क्योंकि भविष्य कभी आता नहीं और जब भी आता है तब वर्त्तमान बनकर ही आता है।


- Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu


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