Monday, 28 April 2014

1200_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU




हिमालय की तरह दृढ़ होकर अपनी रुकावटों को काटोसत्यसंक्लप आत्मा तुम्हारे साथ है.... नहीं नहीं, तुम ही सत्यसंकल्प आत्मा हो। उठो, अपनी शक्ति को पहचानो। तमाम शक्तियाँ तुम्हारे साथ हैं।
 -Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Saturday, 26 April 2014

1198_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU




दुःख का पहाड़ गिरता हो और तुम परमात्मा में डट जाओ तो वह पहाड़ रास्ता बदले बिना नहीं रह सकता। दुःख का पहाड़ प्रकृति की चीज है। तुम परमात्मा में स्थित हो तो प्रकृति परमात्मा के खिलाफ कभी कदम नहीं उठाती। 

 -Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Tuesday, 22 April 2014

1196_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU



आप सर्वत्र मंगलमय देखने लग जाइये, चित्त अपने-आप शान्त हो जायेगा।

-Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Monday, 21 April 2014

1195_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU



जब जब युग परिवर्तन होगा, हर युग मेँ अवतारा है। गुरु ही ब्रह्मा, गुरु ही विष्णु, गुरु ही शिव ओँकारा हैँ।।
गुरु चरणों में सीश झुकाया यह सौभाग्य हमारा है । गुरु ही ब्रह्मा,गुरु ही विष्णु, गुरु ही शिव ओँकारा हैँ।।

Thursday, 17 April 2014

1194_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU



किसी भी परिस्थिति में दिखती हुई कठोरता व भयानकता से भयभीत नहीं होना चाहिए |  कष्टों के काले बादलों के पीछे पूर्ण प्रकाशमय एकरस परम सत्ता सूर्य की तरह सदा विद्यमान है |
  -Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Wednesday, 16 April 2014

1193_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU



जिनके आगे प्रिय-अप्रिय, अनुकूल-प्रतिकूल, सुख-दुःख और भूत-भविष्य एक समान हैं ऐसे ज्ञानी, आत्मवेत्ता महापुरूष ही सच्चे धनवान हैं |
  -Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Tuesday, 15 April 2014

1192_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU




 महात्मा वही है जो चित्त को ड़ांवांड़ोल करनेवाले प्रसंग आयें फ़िर भी चित्त को वश में रखे, क्रोध और शोक को प्रविष्ट होने दे |
  -Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Monday, 14 April 2014

1191_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU



जितना-जितना यज्ञबुद्धि से कर्म होता है उतना-उतना कर्त्ता अपने आत्म-स्वभाव में जगता जाता है।

स्वार्थपूर्वक कर्म करने से तो अल्प चीज मिलती है जबकि निःस्वार्थ होकर कर्म करने से अनन्त परमात्मा मिलता है।
 -Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Saturday, 12 April 2014

1190_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU



तुम यदि आत्मभाव में रहो तो तुम्हें मिला हुआ शाप भी तुम्हारे लिए वरदान का काम करेगा ।
-Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Friday, 11 April 2014

1189_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU




पुरुषार्थी, संयमी, उत्साही पुरुषों के लिए कुछ भी असम्भव नहीं है और आलसी, लापरवाह लोगों के लिए तो सफलता भी विफलता में  बदल जाती है। अतः पुरुषार्थी बनो, दृढ़ संयमी बनो, उत्साही बनो।
  -Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Wednesday, 9 April 2014

1188_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU



जहाँ वाणी नहीं पहुँचती, मन से जो
प्राप्त नहीं होता, बुद्धि जहाँ से
लौटकर आती है ऐसे आत्मदेव को
जो भाग्यवान पाता है वह फिर
किसी से भयभीत नहीं होता ।

 -Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Tuesday, 8 April 2014

1187_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU



समग्र संसार के तत्वज्ञान, विज्ञान, गणित, काव्य और कला आपकी आत्मा में से निकलते हैं और निकलते रहेंगे |

 -Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Monday, 7 April 2014

1186_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU



सुख में विवेक सोता है और दुःख में विवेक जागता है।जीवन के विकास के लिए दुःख नितान्त जरूरी है। जीवन के उत्थान के लिए दुःख अति आवश्यक है।मनुष्य जब दुःख का सदुपयोग करना सीख लेता है तो दुःख का कोई मूल्य नहीं रहता।

 -Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Sunday, 6 April 2014

1185_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU




आत्मज्ञानी के हुक्म से सूर्य प्रकाशता है | उनके लिये इन्द्र पानी बरसाता है | उन्हीं के लिये पवन दूत बनकर गमनागमन करता है | उन्हीं के आगे समुद्र रेत में अपना सिर रगड़ता है |

- JivanRasayan

Saturday, 5 April 2014

1184_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

 प्रकृति प्रसन्नचित्त एवं उद्योगी कार्यकर्ता को हर प्रकार से सहायता करती है |
 -Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Friday, 4 April 2014

1183_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

जो अपने आदर्श से नहीं हटता, धैर्य और सहनशीलता को अपने चरित्र का भूषण बनाता है, उसके लिए शाप भी वरदान बन जाता है।
 -Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Wednesday, 2 April 2014

1181_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU



जो दूसरों का सहारा खोजता है, वह सत्यस्वरूप ईश्वर की सेवा नहीं कर सकता |
-Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu
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