1132_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
यथायोग्य व्यवहार करो लेकिन चित्त से सदा आत्मपद में स्थिति करो। चित्त में एक बार आत्म-शान्ति का स्वाद आ जाये तो फिर संसार में कोई सुख तुम्हें प्रभावित नहीं करेगा।
-Pujya Asharam Ji Bapu
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.