Friday, 17 February 2012

230_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

तालुस्थान में जिह्वा लगाने से जीवन-शक्ति केन्द्रित हो जाती है। इसीलिए प्राचीन काल से ही योगीजन तालुस्थान में जिह्वा लगाकर जीवन-शक्ति को बिखरने से रोकते रहे होंगे। डॉ. डायमण्ड ने म्रत्रजप एवं ध्यान के समय इस प्रकिया से जिन साधकों की जीवन-शक्ति केन्द्रित होती थी उनमें जप-ध्यान से शक्ति बढ़ रही थी, वे अपने को बलवान महसूस कर रहे थे। अन्य वे साधक जो इस क्रिया के बिना जप-ध्यान करते थे उन साधकों की अपेक्षा दुर्बलता महसूस करते थे।
Pujya asharam ji bapu

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