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कभी भी कोई भी कार्य
आवेश में आकर न करो।
विचार करना चाहिए कि
इसका परिणाम क्या होगा?
गुरुदेव अगर सुनें या जानें तो
क्या होगा? विवेकरूपी चौकीदार
जागता रहेगा तो बहुत सारी
विपदाओं से, पतन के प्रसंगों से
ऐसे ही बच जाओगे।
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प्रातः स्मरणीय परम पूज्य संत श्री आसारामजी बापू :-
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