गुरू की महत्ता
l.जो आँखें गुरू के चरणकमलों का सौन्दर्य नहीं देख सकतीं वे आँखें सचमुच अन्ध हैं।
2.जो कान गुरू की लीला की महिमा नहीं सुनते वे कान सचमुच बहरे हैं।
3.गुरू रहित जीवन मृत्यु के समान है।
4.गुरू कृपा की सम्पत्ति जैसा और कोई खजाना नहीं है।
5.भवसागर को पार करने के लिए गुरू के सत्संग जैसी और कोई सुरक्षित नौका नहीं है।
6.आध्यात्मिक गुरू जैसा और कोई मित्र नहीं है।
7.गुरू के चरणकमल जैसा और कोई आश्रय नहीं है।
8.सदैव गुरू की रट लगाओ।
Greatness of Guru
l. The eye that sees not the beauty of the Guru’s Lotus-Feet is really blind.
2. The ear that hears not the glory of the Guru’s Leela is really deaf.
3. Life without a Guru is death.
4. There is no treasure like the wealth of Guru’s grace.
5. There is no safe boat like Satsanga of Guru to cross the ocean of Samsara.
6. There is no friend like the spiritual teacher.
7. There is no abode like Guru’s Lotus-Feet.
8. Remember the Guru at all times.
- Sri Swami Sivananda
Guru Bhakti Yog, Sant Shri Asharamji Ashram
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