पावन स्मृति
शिष्य संसारसागर को पार कर सके इसके लिए ब्रह्मवेत्ता गुरू आत्मज्ञान देकर उसका अमूल्य हित करते हैं। यह काम गुरू के सिवाय और कोई नहीं कर सकता।पातकी एवं स्वार्थी लोग सदगुरू के लिए चाहे कैसी भी अफवाहें फैलायें फिर भी सुज्ञ समाज एवं शिष्यगण सदगुरू के पावन सान्निध्य और उनकी मधुर याद से अपना हृदय पावन रखते हैं।
- Sri Swami Sivananda
Guru Bhakti Yog, Sant Shri Asharamji Ashram
शिष्य संसारसागर को पार कर सके इसके लिए ब्रह्मवेत्ता गुरू आत्मज्ञान देकर उसका अमूल्य हित करते हैं। यह काम गुरू के सिवाय और कोई नहीं कर सकता।पातकी एवं स्वार्थी लोग सदगुरू के लिए चाहे कैसी भी अफवाहें फैलायें फिर भी सुज्ञ समाज एवं शिष्यगण सदगुरू के पावन सान्निध्य और उनकी मधुर याद से अपना हृदय पावन रखते हैं।
- Sri Swami Sivananda
Guru Bhakti Yog, Sant Shri Asharamji Ashram
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.