Saturday 11 October 2014

1261_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

~~~~~~~~~~  उत्साह जहाँ, सफलता वहाँ  ~~~~~~~~~~~~

उत्साहसमन्वितः.... कर्ता सात्त्विक उच्यते।

ʹउत्साह से युक्त कर्ता सात्त्विक कहा जाता है।ʹ (श्रीमद् भगवदगीताः 18.26)

जो कार्य करें उत्साह से करें, तत्परता से करें, लापरवाही न बरतें। उत्साह से काम करने से योग्यता बढ़ती है, आनंद आता है। उत्साहहीन होकर काम करने से कार्य बोझा बन जाता है।

-Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...