Monday 27 October 2014

1270_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

सभी शास्त्रों का सार...

शरीर न सत् है, न सुन्दर है और न प्रेमरूप है। यह तो हड्डी-मांस, रूधिर और वात-पित्त-कफ से बना हुआ एक जड़ ढाँचा है। यह शरीर पहले नहीं था, बाद में नहीं रहेगा और अभी भी नहीं (मृत्यु) की तरफ जा रहा है। परंतु आप तो पहले भी थे, अभी भी हो और बाद में भी रहोगे। अपने को सदैव सच्चिदानंदस्वरूप मानो।

-Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

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