1027_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
आत्मा
परमात्मा
विषयक ज्ञान
प्राप्त करके
नित्य आत्मा
की भावना
करें। अपने
शाश्वत स्वरूप
की भावना करें।
अपने
अन्तर्यामी
परमात्मा में
आनन्द पायें।
अपने उस अखण्ड
एकरस में, उस
आनन्दकन्द प्रभु
में, उस
अद्वैत-सत्ता
में अपनी
चित्तवृत्ति
को स्थापित
करें।
-Pujya Asharam Ji Bapu
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