Monday, 14 January 2013

1015_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

जब तक निश्चिंतस्वरूप परब्रह्म परमात्मा की उपासना नहीं की, जब तक परमात्मा का चिन्तन करके परमात्मामय नहीं हुए तब तक तुम्हारे रूपये तुम्हारी रक्षा नहीं कर सकते, तुम्हारे मित्र तुम्हारी रक्षा नहीं कर सकते, चँवर डुलानेवाली रानियाँ और दासियाँ तुम्हारी रक्षा नहीं कर सकतीं, तुम्हारे वजीर और सचिव तुम्हारी रक्षा नहीं कर सकते। परम सुरक्षित तो तुम्हारी आत्मा है।
-Pujya Asharam Ji Bapu

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