Wednesday, 16 January 2013

1019_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

पहले अमृत जैसा पर
बाद में विष से भी बदतर हो,
वह विकारों का सुख है।
प्रारंभ में कठिन लगे,
दुःखद लगे, बाद में
अमृत से भी बढ़कर हो,
वह भक्ति का सुख है।

-Pujya Asharam Ji Bapu
 

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