Pujya Asaram Bapu Ji Hd Wallpaper |
( Pujya Asaram Bapu Ji )
हिमालय की तरह दृढ़ होकर अपनी रुकावटों को काटो। यह विश्वास
रखो कि जो सोचूँगा वही हो जाऊँगा। सत्यसंक्लप आत्मा तुम्हारे
साथ है.... नहीं नहीं, तुम ही सत्यसंकल्प आत्मा हो। उठो, अपनी
शक्ति को पहचानो। तमाम शक्तियाँ तुम्हारे साथ हैं।
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क्या आपको पता है ?
फ्रांस के वैज्ञानिक डॉ. एंटोनी बोविस ने बायोमीटर (ऊजा मापक यंत्र) का उपयोग करके वस्तु, व्यक्ति, वनस्पति या स्थान की आभा की तीव्रता मापने की पद्धति खोज निकाली। इस यंत्र द्वारा यह मापा गया कि सात्त्विक जगह और मंत्र का व्यक्ति पर कितना प्रभाव पड़ता है। वैज्ञानिकों ने पाया कि सामान्य, स्वस्थ मनुष्य का ऊर्जा-स्तर 6500 बोविस होता है। पवित्र मंदिर, आश्रम आदि के गर्भगृहों का ऊर्जा-स्तर 11000 बोविस तक होता है। ऐसे स्थानों में जाकर सत्संग, जप, कीर्तन, ध्यान आदि का लाभ ले के अपना ऊर्जा-स्तर बढ़ाने की जो परम्परा अपने देश में है, उसकी अब आधुनिक विज्ञान भी सराहना कर रहा है क्योंकि व्यक्ति का ऊर्जा-स्तर जितना अधिक होता है उतना ही अधिक वह स्वास्थ्य, तंदुरूस्ती, प्रसन्नता का धनी होता है।
ऊर्जा-अध्ययन करते हुए जब वैज्ञानिकों ने ૐकार के जप से उत्पन्न ऊर्जा को मापा तब तो उनके आश्चर्य का ठिकाना ही न रहा क्योंकि यह ऊर्जा 70000 बोविस पायी गयी। और यही कारण है कि ૐकार युक्त सारस्वत्य मंत्र की दीक्षा लेकर जो विद्यार्थी प्रतिदिन कुछ प्राणायाम और जप करते हैं, वे चाहे थके-हारे एवं पिछड़े भी हों तो भी शीघ्र उन्नत हो जाते हैं। ૐकार की महिमा से जपकर्ता को सब तरह से लाभ अधिक है। यदि आपके
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