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साधन की सफलता ❘❘ Pujya Asaram Bapu Ji ❘❘
आजकल लोग साधन तो करते नहीं और साधन का फल लेना चाहते हैं, तब उनको सफलता कैसे
मिले ? हरेक मनुष्य सोचता है कि साधन करके योग्यता तो दूसरा प्राप्त कर ले और हमें आशीर्वाद दे
दे, ताकि हमें उसका सुख मिल जाय।साधन की सफलता के लिये साधक को स्वयं साधन करना
पड़ेगा।
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⛅ जानिये सूर्य को जल देने के नियम और फायदे
🌞 सूर्य को जल चढ़ाने से सीधे हमें लाभ प्राप्त होते हैं। सुबह-सुबह के समय जल्दी उठने से ताजी हवा और सूर्य की किरणों से हमारे स्वास्थ्य को लाभ होता है, यह सभी जानते हैं। इसके अलावा सूर्य को जल चढ़ाते समय पानी के बीच से सूर्य को देखना चाहिए, ऐसे में सूर्य की किरणों से हमारी आंखों की नैत्र ज्योति भी बढ़ती है। सूर्य की किरणों में विटामिन डी के कई गुण भी मौजूद होते हैं। इसलिए जो भी व्यक्ति उगते सूर्य को जल चढ़ाता है वह तेजस्वी होता है, उसकी त्वचा में आकर्षक चमक आ जाती है।
🌞 ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को यश और मान-सम्मान का कारक ग्रह माना जाता है। किसी भी व्यक्ति की कुंडली में उच्च का सूर्य होने पर वह प्रतिष्ठित और तेजस्वी होता है। ऐसे व्यक्ति को समाज में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। आंखों या त्वचा से संबंधित रोग हो सकते हैं। इनसे बचने के लिए प्रतिदिन सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए।
🌞 सूर्य को जल चढ़ाते समय ध्यान रखना चाहिए कि सूर्य को कभी भी सीधे नहीं देखना चाहिए। जल चढ़ाते समय पानी की धारा के बीच से सूर्य को देखें। इस प्रकार सूर्य की किरणों से आपकी आंखों की ज्योति भी बढ़ेगी। सूर्य को सुबह-सुबह जल्दी ही ज्यादा से ज्यादा 7-8 बजे तक जल चढ़ाना चाहिए। अधिक देर से जल नहीं चढ़ाना चाहिए।
🌞 सूर्य को चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे का उपयोग करना चाहिए। लोटे में शुद्ध जल भरें और उसमें चावल और कुमकुम, पुष्प, गुड़ आदि पूजन सामग्री भी डाल लेना चाहिए। इसके बाद लोटे से सूर्य को जल चढ़ाएं।
🌞 सूय्र को जल चढ़ाते समय अर्थात जल का लोटा खाली होने तक निम्न सूर्य के द्वादश नामों का जाप करें-
ॐ मित्राय नमः
ॐ रवये नमः
ॐ सूर्याय नमः
ॐ भानवे नमः
ॐ खगय नमः
ॐ पुष्णे नमः
ॐ हिरण्यगर्भाय नमः
ॐ मारिचाये नमः
ॐ आदित्याय नमः
ॐ सावित्रे नमः
ॐ अर्काय नमः
ॐ भास्कराय नमः
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