आपतियाँ पर्वत जैसी भले ही हों सब कुछ भयावह और अंधकार पूर्ण भले ही दिखे ,पर जान लो सब माया है । डरों मत,यह भाग जायेगी । इसे ठुकराओ और यह मर जायेगी ।डरो मत कितनी बार असफलता मिलेगी यह न सोचो, चिंता न करो । काल अनन्त है ।आगे बढ़ो पुनः पुनः ,प्रकाश अवश्य ही आवेगा ।
-Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu
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