Monday, 15 April 2013

1068_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

चित्त में जब अकर्तृत्व और अभोक्तृत्व कि निष्ठा जमने लगती है तो वासनाएँ क्षीण होने लगती हैं। फिर वह ज्ञानी यंत्र की पुतली की नाईं चेष्टा करता है।
 -Pujya Asharam Ji Bapu

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...