1068_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
चित्त में
जब अकर्तृत्व
और
अभोक्तृत्व
कि निष्ठा जमने
लगती है तो
वासनाएँ
क्षीण होने
लगती हैं। फिर
वह ज्ञानी
यंत्र की
पुतली की नाईं
चेष्टा करता
है। -Pujya Asharam Ji Bapu
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