गोम्यो यज्ञाः प्रवर्त्तन्ते गोभ्यो देवाः समुत्थिताः।
गोभ्यो वेदाः समुद्गीर्णाः सषडंगपदक्रमाः॥
‘गौओं के द्वारा यज्ञ चलते हैं, गौओं से ही देवता हुए हैं। छओं अंगों सहित वेदों की उत्पत्ति गौओं से ही हुई है।’
आश्रम गौशालाओं द्वारा 5000 से अधिक गायों के रक्षण संवर्धन में रत पूज्य बापूजी कहते है 'गाय हमें पालती है, हम गाय को नहीं पालते
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