तेजस्वी बनो
हे मेरे विद्यार्थियो ... हजार-हजार विघ्न-बाधाएँ आ जायें
फिर भी जो संयम का, सदाचार का, सेवा का, ध्यान का,
भगवान की भक्ति का रास्ता नहीं छोड़ता वह जीते जी
मुक्तात्मा, महान आत्मा, परमात्मा के ज्ञान से सम्पन्न
सिद्धात्मा जरूर हो जाता है और अपने कुल-खानदान का भी
कल्याण कर लेता है। तुम ऐसे कुलदीपक बनना।
ૐ....ૐ... बल.... हिम्मत...
-Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu
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