1372_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
जो ब्रह्म सबमें देखते हैं, ध्यान धरते ब्रह्म का।
भव जाल से हैं छूटते, साक्षात करे हैं ब्रह्म का।।
नर मूढ़ पाता क्लेश है, अपना-पराया मानकर।
ममचा-अहंता त्याग दे, सर्वात्म-अनुसंधान कर।।
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