व्यवहार जगत के तूफान तो क्या, मौत का तूफान आये उससे भी टक्कर लेने का सामर्थ्य आ जाय इसका नाम है साक्षात्कार। इसका नाम है मनुष्य जीवन की सफलता।
जरा जरा-सी
बात में डर
रहे हैं? जरा
जरा-सी बात
में सिकुड़
रहे हैं? हो
होकर क्या
होगा?
जो भी हो गया
वह देख लिया।
जो हो रहा है
वह देख रहे
हैं। जो होगा
वह भी देखा
जायेगा। मूँछ
पर ताव देते
हुए.... भगवान को
प्यार करते
हुए तुम आगे
बढ़ते जाओ।
निर्भय.....
निर्भय....
निर्भय....
निर्भय.....
निर्भय.....।
-Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu
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