कदम अपना आगे बढ़ाता चला जा......
कदम
अपना आगे
बढ़ाता चले
जा। सदा प्रेम
के गीत गाता
चला जा।।
तेरे
मार्ग में
वीर! काँटे
बड़े हैं। लिए
तीर हाथों में
वैरी खड़े
हैं।
बहादुर
सबको मिटाता
चला जा। कदम
अपना आगे बढ़ाता
चला जा।।
तू है
आर्यवंशी
ऋषिकुल का
बालक।
प्रतापी यशस्वी
सदा दीनपालक।
तू
संदेश सुख का
सुनाता चला
जा। कदम अपना
आगे बढ़ाता
चला जा।।
भले आज
तूफान उठकर के
आयें। बला पर
चली आ रही हो
बलाएँ।
युवा
वीर है
दनदनाता चला
जा। कदम अपना
आगे बढ़ाता
चला जा।।
जो
बिछुड़े हुए
हैं उन्हें तू
मिला जा। जो
सोये पड़े हैं
उन्हें तू जगा
जा।
तू आनंद
डंका बजाता
चला जा। कदम
अपना आगे बढ़ाता
चला जा।।
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