Monday, 2 July 2012

649_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

चलते-चलते पैर में छाले पड़ गये हों, भूख व्याकुल कर रही हो, बुद्धि विचार करने में शिथिल हो गई हो, किसी पेड़ के नीचे पड़े हों, जीवन असम्भव हो रहा हो, मृत्यु का आगमन हो रहा हो तब भी अन्दर से वही निर्भय ध्वनि उठे : सोऽहम्सोऽहम्मुझे भय नहींमेरी मृत्यु नहींमुझे भूख नहींप्यास नहींप्रकृति की कोई भी व्यथा मुझे नष्ट नहीं कर सकतीमैं वही हूँवही हूँ…’
 Pujya Asharam Ji Bapu

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