Thursday, 12 July 2012

669_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

रूचि को पोसना नहीं है, निवृत्त करना है। रूचि निवृत्त हो गई तो काम बन गया, फिर ईश्वर दूर नहीं रहेगा।ईश्वर तो अपना आपा है, अपना स्वरूप है।
Pujya Asharam Ji Bapu

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