कोई काम का
दीवाना, कोई
दाम का
दीवाना, कोई
चाम का
दीवाना, कोई
नाम का
दीवाना, लेकिन
कोई कोई होता
है जो राम का
दीवाना होता
है।
दाम
दीवाना दाम न
पायो। हर जन्म
में दाम को छोड़कर
मरता रहा। चाम
दीवाना चाम न
पायो, नाम दीवाना
नाम न पायो
लेकिन राम
दीवाना राम
समायो।
- Pujya Asharam Ji Bapu
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