666_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
मेरा
रोम-रोम संतों
की, गुरू की
कृपा और करूणा
से पवित्र हो
रहा है। आनन्दोऽहम्.....
शान्तोऽहम्.....
शुद्धोऽहम्.....
निर्विकल्पोऽहम्....
निराकारोऽहम्।
मेरा चित्त
प्रसन्न हो
रहा है।
Pujya Asharam Ji Bapu
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