ज्ञान के कठिनमार्ग पर चलते वक्त आपके
सामने जब भारी कष्ट एवं दुख आयें तब
आप उसे सुख समझो क्योंकि इस मार्ग में
कष्ट एवं दुख ही नित्यानंद प्राप्त करने में
निमित्त बनते है । अतः उन कष्टों, दुखों और
आघातों से किसी भी प्रकार साहसहीन मत
बनो, निराश मत बनो । सदैव आगे बढ़ते
रहो । जब तक अपने सत्यस्वरू प को यथार्थ
रू प से न जान लो, तब तक रुको नही ।
Pujya Asharam Ji Bapu
सामने जब भारी कष्ट एवं दुख आयें तब
आप उसे सुख समझो क्योंकि इस मार्ग में
कष्ट एवं दुख ही नित्यानंद प्राप्त करने में
निमित्त बनते है । अतः उन कष्टों, दुखों और
आघातों से किसी भी प्रकार साहसहीन मत
बनो, निराश मत बनो । सदैव आगे बढ़ते
रहो । जब तक अपने सत्यस्वरू प को यथार्थ
रू प से न जान लो, तब तक रुको नही ।
Pujya Asharam Ji Bapu
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