661_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
प्रेमी साधक आगे-पीछे का चिन्तन नहीं करता | वह न तो किसी आशंका से भयभीत होता है और न वर्त्तमान परिस्थिति में प्रेमास्पद में प्रीति के सिवाय अन्य कहीं आराम पाता है |
Pujya Asharam Ji Bapu
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