हरिहर आदिक जगत
में पूज्य देव
जो कोय ।
सदगुरु की पूजा
किये सबकी
पूजा होय ॥
कितने
ही कर्म करो, कितनी
ही उपासनाएँ
करो,
कितने ही
व्रत और
अनुष्ठान करो, कितना
ही धन इकट्ठा
कर लो और्
कितना ही
दुनिया का
राज्य भोग लो लेकिन
जब तक सदगुरु
के दिल का
राज्य
तुम्हारे दिल
तक नहीं
पहुँचता, सदगुरुओं
के दिल के
खजाने
तुम्हारे दिल
तक नही उँडेले
जाते,
जब तक
तुम्हारा दिल सदगुरुओं
के दिल को
झेलने के
काबिल नहीं
बनता,
तब तक सब
कर्म,
उपासनाएँ, पूजाएँ
अधुरी रह
जाती हैं।
Pujya Asharam Ji Bapu
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.