622_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
जिसका
चित्त
थोड़ी-थोड़ी
बातों में
उद्विग्न हो
जाता है, घृणा,
राग, द्वेष,
हिंसा या
तिरस्कार से
भर जाता है वह
अज्ञानी है।
ज्ञानी का
हृदय शान्त,
शीतल, अद्वैत
आत्मा में
प्रतिष्ठित
होता है।
Pujya Asharam Ji Bapu
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