सत्य
के मार्ग अर्थात्
ईश्वर-प्राप्ति
के मार्ग पर
चलने वाले पथिकों
के लिए विषय
विकार एवं
कुसंगरूपी
भँवरों के पास
न जाना ही
श्रेयस्कर
है।
अगर
आग के नजदीक
बैठोगे जाकर,
उठोगे एक दिन
कपड़े जलाकर।
माना
कि दामन बचाते
रहे तुम, मगर
सेंक हरदम लाते
रहे तुम।।
Pujya Asharam Ji Bapu
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