582_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
जिस
प्रकार पानी
में दिखने
वाला सूर्य का
प्रतिबिम्ब
वास्तविक
सूर्य नहीं है
अपितु सूर्य
का आभासमात्र
है, उसी
प्रकार
विषय-भोगों
में जो आनंद
दिखता है वह
आभास मात्र ही
है, सच्चा आनंद
नहीं है। वह
ईश्वरीय आनंद
का ही
आभासमात्र
है
Pujya Asharam Ji Bapu
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.