592_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
जीवन में
निर्भयता आनी
चाहिए। भय पाप
है, निर्भयता
जीवन है। जीवन
में अगर
निर्भयता आ
जाय तो दुःख,
दर्द, शोक,
चिन्ताएँ दूर
हो जाती हैं।
भय
अज्ञानमूलक
है, अविद्यामूलक
है और
निर्भयता
ब्रह्मविद्यामूलक
हैं। जो पापी
होता है, अति
परिग्रही
होता है वह
भयभीत रहता
है। जो
निष्पाप है,
परिग्रह रहित
है अथवा जिसके
जीवन में
सत्त्वगुण की
प्रधानता है
वह निर्भय
रहता है।
Pujya Asharam Ji Bapu
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