जिसको
सत्संग में
रूचि नहीं है
उसको कुसंग में
रूचि है। जो
सत्संग नहीं
करेगा वह
कुकर्म जरूर
करेगा। जो
सदविचार नहीं
करेगा वह
कुविचार जरूर
करेगा। जो राम
को प्यार नहीं
करेगा वह काम
का जरूर गुलाम
होगा।
इसलिए
अपने हृदय में
बैठे हुए
आत्मा को
प्यार करो,
राम को प्यार
करो।
Pujya Asharam Ji Bapu
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