Sunday 4 September 2016

1498_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

बहुजन्मकृतात् पुण्याल्लभ्यतेऽसौ महागुरूः।
लब्ध्वाऽमुं न पुनर्याति शिष्यः संसारबन्धनम।।

अनेक जन्मों में किये हुए पुण्यों से ऐसे महागुरु प्राप्त होते हैं। उनको प्राप्त करके शिष्य पुनः संसारबंधन में नहीं बँधता अर्थात् मुक्त हो जाता है।

Bhagwan Shivji

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