नौनिहालों को पूज्य बापू जी का उदबोधन
अपनी उन्नति में बाधक, दुर्बलता के विचारों को जड़ से उखाड़ फेंको। उनके मूल पर ही कुठाराघात करो। हलके संग का त्याग, सत्शास्त्रों का अध्ययन, सत्संग-श्रवण, ध्यान, सारस्वत्य मंत्र का जप – ये बुद्धिशक्ति के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत उपयोगी साधन है।
-Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu
अपनी उन्नति में बाधक, दुर्बलता के विचारों को जड़ से उखाड़ फेंको। उनके मूल पर ही कुठाराघात करो। हलके संग का त्याग, सत्शास्त्रों का अध्ययन, सत्संग-श्रवण, ध्यान, सारस्वत्य मंत्र का जप – ये बुद्धिशक्ति के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत उपयोगी साधन है।
-Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

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