Wednesday, 17 July 2013

1148_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU



सामवेद का छान्दोग्य उपनिषद् कहता है कि जिस आनंद को तू खोज रहा है वह आनंद तू ही है। तत्त्वमसि। वह तू है। तू पहले आनंदस्वरूप आत्मा था अथवा भविष्य में होगा ऐसी बात नहीं, अभी भी तू वही है। यह वेदवचन का आखिरी फैसला है।
 -Pujya Asharam Ji Bapu

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...