सदगुरु ही जगत
में तुम्हारे
सच्चे मित्र
हैं। मित्र
बनाओ तो
उन्हें ही
बनाओ,
भाई-माता-पिता
बनाओ तो
उन्हें ही
बनाओ। गुरुभक्ति
तुम्हें
जड़ता से
चैतन्यता की
ओर ले जायेगी।
जगत के अन्य
नाते-रिश्ते
तुम्हें
संसार में
फँसायेंगे, भटकायेंगे,
दुःखों
में पटकेंगे,
स्वरूप से दूर
ले जायेंगे।
गुरु तुम्हें
जड़ता से, दुःखों
से, चिन्ताओं
से मुक्त
करेंगे। तुम्हें
अपने आत्मस्वरूप
में ले जायेंगे।
-Pujya Asharam Ji Bapu
-Pujya Asharam Ji Bapu
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