Saturday 29 March 2014
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Monday 24 March 2014
Sunday 23 March 2014
1176_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
दुश्मनों
का बल निकाल रहा हूँ
एक
बार साँईं जी(साँईं श्री लीलाशाहजी महाराज) रस्सी
के बल सुलझा रहे थे। पूछने पर बोले कि "भारत के दुश्मनों का बल निकाल रहा
हूँ।" उन दिनों भारत-चीन युद्ध चल रहा था। दूसरे दिन समाचार आया कि
"युद्ध समाप्त हो गया और दुश्मनों का बल निकल गया।"
ब्रह्मनिष्ठ योगियों को भूत, वर्तमान
एवं भविष्य काल – ये तीनों हाथ पर रखे आँवले की तरह प्रत्यक्ष होते हैं। इसलिए
उऩके मार्गदर्शन एवं आज्ञा में चलने वालों को उनकी त्रिकालदर्शी दृष्टि का लाभ
मिलता है।
- Pujya Sant Shri Asharam Ji
Bapu
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